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हज़रते क़ासिम बिन इमाम हसन अ स
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क़ासिम इमाम हसन बिन अली (अ) के बेटे थे और आप की माता का नाम “नरगिस” था मक़तल की पुस्तकों ने लिखा है कि आप एक सुंदर और ख़ूबसरत चेहरे वाले नौजवान थे और आपका चेहरा चंद्रमा की भाति चमकता था। क़ासिम बिन हसन कर्बला के मैदान में अपने चचा की तरफ़ से लड़ने वाले थे आपने 13 या 14 साल की आयु में यज़ीद की हज़ारों के सेना के साथ युद्ध किया और शहीद




इमाम मोहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम का जन्म दिवस
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आज पवित्र नगर मदीना में इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम का घर प्रकाशवान है। पूरा मदीना नगर इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम के सुपुत्र इमाम मोहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम के आगमन से प्रकाशमय है। इमाम मोहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम का नाम मोहम्मद था और उनकी उपाधि बाक़िरूल उलूम अर्थात ज्ञानों को चीरने वाला है। इस उपाधि का कारण यह है कि इमाम मोहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम ने विभिन्न ज्ञानों के रहस्यों को स्पष्ट किया और उन्हें एक दूसरे से अलग कि


जनाब अब्बास अलैहिस्सलाम का संक्षिप्त जीवन परिचय।
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4 शाबान 26 हिजरी को मदीना में हज़रत अमीरूल मोमेनीन और उम्मुल बनीन के नामवर बेटे जनाबे अब्बास अलैहिस्सलाम का शुभजन्म हुआ। आपकी माँ हेज़ाम बिन खालिद की बेटी थीं, उनका परिवार अरब में बहादुरी और साहस में मशहूर था। हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने जनाब फ़ातिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा की शहादत के


इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम की शहादत
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इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम ने कर्बला की महान घटना के बाद लोगों के मार्गदर्शन का ईश्वरीय दायित्व संभाला। सज्जाद, इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम को एक प्रसिद्ध उपाधि थी। महान ईश्वर की इच्छा से इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम कर्बला में जीवित बच गये था ताकि वह कर्बला की महान घटना के अमर संदेश को लोगों तक पहुंचा सकें।








हजरत अली (अ.स) का इन्साफ और उनके मशहूर फैसले|
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रसूल(स.) के बाद धर्म के सर्वोच्च अधिकारी का पद अल्लाह ने अहलेबैत को ही दिया। इतिहास का कोई पन्ना अहलेबैत में से किसी को कोई ग़लत क़दम उठाते हुए नहीं दिखाता जो कि धर्म के सर्वोच्च अधिकारी की पहचान है। यहाँ तक कि जो राशिदून खलीफा हुए हैं उन्होंने भी धर्म से सम्बंधित मामलों में अहलेबैत व खासतौर से हज़रत अली(अ.) से ही मदद ली। अगर ग़ौर करें रसूल(स.) के


इमाम महदी (अ.स) से शिओं का परिचय
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चूँकि हज़रत इमाम महदी (अज्जल अल्लाहु तआला फरजहु शरीफ) का जन्म बहुत ही गुप्त रूप से हुआ था, इस वजह से यह डर था कि शिया आखरी इमाम की पहचान में ग़लत फ़हमी या भटकाव का शिकार हो सकतें हैं। इस लिए हज़रत इमाम हसन अस्करी (अ. स.)


इमाम हुसैन अ. के कितने भाई कर्बला में शहीद हुए।
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हलेबैत न्यूज़ एजेंसी अबना: कर्बला में जिन नेक और अच्छे इंसानों ने सह़ी और कामयाब रास्ते को अपनाया और अपने ज़माने के इमाम के नेतृत्व में बुरे लोगों के मुक़ाबले, अपनी ख़ुशी के साथ जंग की और शहीद हुए उनमें से कुछ वीर ह़ज़रत अली (अ.स) के बेटे भी थे जो अमी


इमाम मोहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम का जन्म दिवस
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आज पवित्र नगर मदीना में इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम का घर प्रकाशवान है। पूरा मदीना नगर इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम के सुपुत्र इमाम मोहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम के आगमन से प्रकाशमय है। इमाम मोहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम का नाम मोहम्मद था और उनकी उपाधि बाक़िरूल उलूम अर्थात ज्ञानों को चीर


** 24 ज़िलहिज्ज - ईद मुबाहिला **
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मुबाहिला का वाकया हिजरी कैलन्डर के 9वें साल में हुआ। इस घटना में 14 ईसाई विद्वानों (नजरान) का एक दल इस्लाम की सत्यता पर तर्क करने हज़रत मोहम्मद (स:अ:व:व) के पास आया ! दोनों पक्षों ने अपने अपने तर्क रखे लेकिन कुछ दिन बीत जाने के बाद भी इसाईओं के दल ने तर्क नहीं माना, तभी अल्लाह ने यह आयत नाजिल की : "ये आयतें है और हिकमत (तत्वज्ञान) से परिपूर्ण अनुस्मारक, जो हम तुम्हें सुना रहे हैं (कुरान 3:58), निस्संदेह अल्लाह की दृष्टि में ईसा की मिसाल आदम जैसी है कि




इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम की अहादीस
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अपने प्रियः अध्ययन कर्ताओं के लिए हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम के कुछ मार्ग दर्शक कथन प्रस्तुत किये जारहे हैं। 1- अल्लाह


अमीरुल मोमिनीन अ. स.
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नाम व उपाधियाँ आपका नाम अली व आपके अलक़ाब अमीरुल मोमेनीन, हैदर, कर्रार, कुल्ले ईमान, सिद्दीक़,फ़ारूक़, अत्यादि हैं। माता पिता




हजरत फातेमा मासूमा
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आप का इस्मे मुबारक फ़ातिमा है! आप का मशहूर लक़ब "मासूमा" है! आप के पिता शियों के सातवें इमाम हज़रत मूसा इब्न जाफ़र (अ:स) हैं और आप की माता हज़रत नजमा ख़ातून हैं, और यही महान स्त्री आठवें इमाम (अ:स) की भी माता हैं! बस इसी वजह से हज़रत मासूमा (स:अ) और इमाम रज़ा (अ:स) एक माँ से हैं! आप की विलादत पहली ज़िल'



